
अकोला, 17 सितम्बर 2025 – अकोला पुलिस ने नागरिक-केंद्रित और भविष्याभिमुख पुलिसिंग की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए “प्रोजेक्ट रक्षा” और “प्रोजेक्ट त्रिनेत्र” का शुभारंभ किया। साथ ही सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष का भी उद्घाटन किया गया। यह कार्यक्रम पालकमंत्री एवं श्रम मंत्री आकाश फुंडकर के शुभहस्ते सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर जिल्हा पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक, जिलाधिकारी वर्षा मीना सहित अधिकारी, मान्यवर नागरिक और पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

प्रोजेक्ट रक्षा
RAKSHA = Review And Knowledge-based System for Holistic Assessment
इस परियोजना के अंतर्गत प्रत्येक पुलिस थाने में क्यूआर आधारित फीडबैक प्रणाली उपलब्ध होगी। नागरिक सीधे मोबाइल से स्कैन कर बहुभाषिक फॉर्म में अपना फीडबैक दे सकेंगे, जो सीधे पुलिस अधीक्षक तक पहुँचेगा। प्रत्येक थाने को नागरिक संतोष के आधार पर रेटिंग मिलेगी। इसका उद्देश्य पारदर्शिता, जवाबदेही और पुलिस पर विश्वास को मजबूत करना है।

प्रोजेक्ट त्रिनेत्र
यह पहल अपराध रोकथाम और पुनरावृत्ति अपराधियों की पहचान के लिए डेटा-साइंस पर आधारित है। इसमें अपराध का इतिहास, समय और स्थान आधारित पैटर्न का विश्लेषण कर Repeat Offender Risk Score (RORS) तैयार किया जाएगा। सभी 23 पुलिस थानों के लिए हीटमैप और डैशबोर्ड बनेंगे, जिससे पुलिस अपराध होने से पहले ही कार्रवाई कर सकेगी। इससे पुलिसिंग प्रतिक्रियात्मक से प्रतिबंधात्मक बनेगी।
मान्यवरों के विचार
पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक ने कहा कि इन प्रोजेक्ट्स से अकोला पुलिसिंग अधिक नागरिक-केंद्रित और तकनीक-सक्षम होगी। यह मॉडल भविष्य में पूरे महाराष्ट्र और देशभर में लागू किया जा सकता है।
पालकमंत्री आकाश फुंडकर ने कहा – “अकोला पुलिस का यह कदम पूरे महाराष्ट्र के लिए आदर्श है। पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिकों का विश्वास – यही नए युग की पुलिसिंग की पहचान बनेगी।”
निष्कर्ष
“प्रोजेक्ट रक्षा” और “प्रोजेक्ट त्रिनेत्र” अकोला पुलिस के लिए ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए एक नया मानक बनेंगे। इनसे पारदर्शिता बढ़ेगी, अपराध पर अंकुश लगेगा और नागरिकों में सुरक्षा का भरोसा मजबूत होगा।