ई वी एम मशीन का विरोध करना एक बचकाना हरकत है – जावेद ज़कारिया ने लगाए आरोप।

अकोला : लोकसभा चुनाव 2024 में जब चुनाव हुवे और नतीजे बहुत अच्छे आए उस वक्त ईवीएम का कोई विरोध नहीं किया गया परंतु इस बार विधानसभा 2024 में एक तरफ नतीजे आने की वजह से ईवीएम मशीन पर अविश्वास प्रकट किया जा रहा है अविश्वास प्रकट करने वालों की यह हरकत एक बचकाना हरकत है विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाडी ने सबसे पहले लाडली बहन का विरोध किया और उसी के बाद में चुनाव आते ही अपने मेनिफेस्टो में ₹3000 देने का वादा किया सबसे पहले इस योजना का विरोध करने से लोगों में खासतौर पर महिलाओं में महाविकास गाड़ी के प्रति नाराजगी थी महाविकास आघाडी ने कोशिश की, कि वह नाराजगी दूर हो लेकिन ऐसा हो नहीं सका साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय को बड़े पैमाने पर साथ ले कर नही चल पायी, महाविकास आघाडी में चुनाव की रणनीति को लेकर एकता नहीं थी जहां पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही थी वह शिवसेना ने किसी प्रकार का साथ नहीं दिया और जहां शिवसेना चुनाव लड़ रही थी वहां पर कांग्रेस ने किसी प्रकार का साथ नहीं दिया ये बहुत जगह पर दिखाई दिया जिसके परिणाम सामने है महाविकास आघाडी बुरी तरह से महाराष्ट्र राज्य में फ्लॉप हो गई इस चुनाव में किसी प्रकार की प्रचार की रणनीति नहीं थी जो लोग बन्धखोरी करके चुनाव लड़ रहे थे उनसे भी किसी प्रकार का सख्त रवैया अपनाया नहीं गया अपक्ष द्वारा पार्टी के दिए हुए उम्मीदवार से ज्यादा वोट लिए इससे यह साबित होता है कि टिकट देते वक्त स्थानिक स्थिति ना देखते हुए मुंबई में बैठकर फैसले लिए गए,और महाविकास आघाडी के नेताओ के हर साक्षात्कार टी.वी पर अलग अलग प्रकार के आते थे जिसके परिणाम आज पूरे महाराष्ट्र राज्य में देखने को मिले ई वी एम मशीन में किसी प्रकार की गड़बड़ी नही थी अलबत्ता महायुती ने लोगो के जहन में ये बैठा दिया की लाडली बहन योजना सिर्फ महायुती की सरकार रही तो ही दे सकती है महा विकास अगड़ी के नेताओं का लाडली बहन योजना का सबसे पहले विरोध करना यह भारी पड़ गया जब की बटोगे तो कटोगे का नारा राज्य में पूरी तरह से फ्लॉप हुवा देख कर बीजेपी ने सज्जाद नोमानी साहब की ओर से गलत दिया हुवा इंटरव्यू जिस का मुस्लिम समुदाय से कोई लेनादेना नही था फिर भी जिस को सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी सूचना प्रौद्योगिकी सेल (बीजेपी आईटी सेल) ने बहुत ही ताकत के साथ वायरल किया उसका भी बहुत बड़ा नुकसान महाविकास आघाडी को हुआ साथ ही जहां पर महाविकास आघाडी या महायुती का मुस्लिम उम्मीदवार नहीं था वहां पर भी मुस्लिम महिलाओं ने महायुती को भरपूर वोट दिये लाडली बहन योजना के लिए आने वाले समय मे महाविकास आघाडी के नेताओ पर ये जिम्मेदारी है की बोले कम और काम करे ज्यादा इस से ही आने वाले समय में सभी चुनाव में जीत हासिल होंगी।

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